Thursday, October 3, 2024
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Father’s Day (पिता को समर्पित कविता)

01 poem dedicated to father on Father’s day

परिवार रूपी बगिया के माली,
करने वाले बगीचे की रखवाली।
बागबान रूपी वो पिता हैं।।

भरी दोपहरी में भी कमाने वाले,
दो वक्त की रोटी खिलाने वाले।
किसान रूपी वो पिता हैं।।

खेल खिलौने दिलाने वाले,
चेहरों पे मुस्कान लाने वाले।
इंसान रूपी वो पिता हैं।।

कापी क़िताब दिलाने वाले,
ज्ञान की दीप जलाने वाले।
गुणवान रूपी वो पिता हैं।।

अपनी ख्वाहिशों को समेटकर,
हर जरूरतों को पूरी करने वाले।
आसमान रूपी वो पिता हैं।

अपना सर्वस्व न्यौछावर कर,
परिवार की खुशियां संजोने वाले।
भगवान रूपी वो पिता हैं।।

-दिगम्बर

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